Dr AvinashTank, is a super-specialist (MCh) Laparoscopic Gastro-intestinal Surgeon,

Rameshwaram holy bath guide

  • Home
  • -
  • Spiritual
  • -
  • Rameshwaram holy bath guide
Rameshwaram holy bath guide
Spread the love

Reading Time: 5 minutes

Rameshwaram holy bath guide. रामेश्वरम के 22 पवित्र कुएं: दिव्य स्नान की अनोखी परंपरा और सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

Rameshwaram holy bath guide

भारत की तीर्थभूमि में रामेश्वरम का स्थान सर्वोच्च माना गया है। यह वही पावन स्थल है जहाँ भगवान श्रीराम ने लंका विजय के बाद भगवान शिव की आराधना की और पवित्र शिवलिंग की स्थापना की। लेकिन इस भूमि की एक और अनोखी पहचान है — रामेश्वरम के 22 पवित्र कुएं, जिनका जल मानव शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने की अद्भुत शक्ति रखता है।

🌅 

1. परिचय: रामेश्वरम का पवित्र स्नान अनुष्ठान

रामेश्वरम के प्रसिद्ध श्रीरामनाथस्वामी मंदिर में 22 पवित्र कुएं (Theertham) हैं।

यहाँ आने वाला हर श्रद्धालु इन 22 कुओं के जल से स्नान करने के बाद ही मुख्य शिवलिंग के दर्शन करता है।

कहा जाता है कि इस स्नान के बिना रामेश्वरम यात्रा अधूरी मानी जाती है।

इन सभी कुओं का पानी अलग-अलग स्वाद, तापमान और औषधीय गुणों वाला है — मानो हर कुआं एक अलग ऊर्जा केंद्र हो।

📜 

2. पौराणिक कथा: क्यों बने 22 पवित्र कुएं

रामायण के अनुसार, जब श्रीराम ने लंका विजय के बाद भगवान शिव की पूजा का संकल्प लिया, तो उन्होंने सबसे पहले स्नान कर स्वयं को शुद्ध किया।

कहा जाता है कि समुद्र के किनारे उन्होंने कई स्थानों पर जल का स्पर्श किया, और जहाँ-जहाँ यह हुआ, वहाँ एक-एक तीर्थकुंड की स्थापना हुई।

इन सभी स्थानों को मिलाकर 22 तीर्थ कुएं बने।

स्कंद पुराण और शिव पुराण में उल्लेख है कि इन जलकुंडों में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

🕉️ 

3. 22 कुओं का प्रतीकात्मक अर्थ

कहा जाता है कि मनुष्य के शरीर में 22 दोष या विकार होते हैं —

काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि।

इन कुओं में क्रमवार स्नान करने से इन दोषों का शुद्धिकरण होता है।

प्रत्येक कुएं का संबंध एक विशेष तीर्थस्थान या देवता से माना गया है।

💧 

4. प्रत्येक कुएं का नाम, स्थान और विशेषता

नीचे सभी 22 कुओं के नाम और उनके जल की विशेषता दी गई है —

क्रमकुएं का नामविशेषता
1महालक्ष्मी तीर्थधन और सौभाग्य की प्राप्ति
2सावित्री तीर्थपापों से मुक्ति
3गायत्री तीर्थबुद्धि और ज्ञान वृद्धि
4सरस्वती तीर्थवाणी की पवित्रता
5सेतु तीर्थमानसिक शांति
6गांगेय तीर्थपवित्रता और रोगमुक्ति
7कविरी तीर्थशक्ति और आत्मविश्वास
8गोदावरी तीर्थपरिवारिक सुख
9नर्मदा तीर्थदीर्घायु का वरदान
10सिंधु तीर्थरोगनाशक शक्ति
11सरयू तीर्थपितृदोष निवारण
12सप्तगंगा तीर्थआध्यात्मिक उन्नति
13कृतमाला तीर्थतप और साधना की शक्ति
14वरुण तीर्थजलतत्व शुद्धि
15वैगई तीर्थआत्मशुद्धि
16शंख तीर्थभय का नाश
17चक्र तीर्थकर्मों की शुद्धि
18ब्रह्म तीर्थमोक्ष की प्राप्ति
19सरभंग तीर्थमन की शांति
20राम तीर्थभक्ति की गहराई
21सीता तीर्थपरिवारिक एकता
22हनुमान तीर्थशक्ति और संरक्षण

इन सभी कुओं का जल अद्भुत रूप से भिन्न है।

कहीं ठंडा, कहीं गुनगुना, तो कहीं मीठा — जो यह दर्शाता है कि यह प्राकृतिक रूप से विशिष्ट ऊर्जा वाले स्थान हैं।

🪔 

5. स्नान की विधि और अनुक्रम

भक्त इन कुओं में स्नान एक निश्चित क्रम से करते हैं।

आम तौर पर मंदिर के पुजारी या स्थानीय गाइड के साथ यह क्रमबद्ध स्नान होता है।

स्नान की प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले समुद्र तट (अग्नि तीर्थम) में स्नान करें।
  2. फिर मंदिर में प्रवेश कर 22 कुओं में क्रमवार जल ग्रहण करें।
  3. प्रत्येक कुएं में मंदिर कर्मचारी बाल्टी से जल आपके ऊपर डालते हैं।
  4. हर कुएं पर “जय श्रीराम” या “हर हर महादेव” का उच्चारण करें।

🕰️ 

6. स्नान का समय

  • सुबह का समय सबसे पवित्र माना जाता है।
  • मंदिर के द्वार प्रातः 5:00 बजे खुलते हैं।
  • 22 कुओं में स्नान का समय आमतौर पर 5:00 से 11:00 बजे तक रहता है।
  • दोपहर के बाद स्नान की अनुमति बहुत कम दी जाती है।

👉 सर्वश्रेष्ठ समय: सूर्योदय के बाद 6:00 से 8:30 बजे के बीच।

💰 

7. टिकट, पास और बुकिंग प्रक्रिया

स्नान के लिए टिकट मंदिर परिसर के अंदर ही उपलब्ध होता है।

दो प्रकार की सुविधा होती है:

सेवा प्रकारशुल्क (अनुमानित)विवरण
सामान्य टिकट₹25 – ₹50 प्रति व्यक्तिसाधारण स्नान क्रम
विशेष टिकट₹150 – ₹300 प्रति व्यक्तिजल्दी दर्शन और मार्गदर्शन
VIP स्नान सेवा₹500 – ₹700पुजारी या गाइड सहित संपूर्ण सेवा

👉 आप मंदिर के मुख्य द्वार पर या अधिकृत काउंटर से टिकट खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा फिलहाल सीमित है, पर तमिलनाडु देवस्थान बोर्ड की वेबसाइट पर आगामी योजनाएँ जारी हैं।

🧭 

8. स्थानीय गाइड की आवश्यकता और शुल्क

पहली बार आने वाले भक्तों के लिए गाइड बहुत उपयोगी रहते हैं।

वे आपको हर कुएं का क्रम, उसका अर्थ और स्नान की सही विधि बताते हैं।

गाइड सेवा प्रकारअनुमानित शुल्क
सामान्य गाइड (स्नान मार्गदर्शक)₹200 – ₹300
अंग्रेजी/हिंदी बोलने वाला गाइड₹400 – ₹600
संपूर्ण मंदिर भ्रमण सहित₹800 – ₹1000

भक्तों को सलाह दी जाती है कि सिर्फ अधिकृत गाइड ही चुनें, जो मंदिर प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त हों।

🧺 

9. स्नान से पहले की तैयारी

स्नान से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

✅ हल्के कपड़े पहनें (जिन्हें गीला किया जा सके)

✅ मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले मोबाइल और कैमरा निषिद्ध है

✅ एक तौलिया और सूखे वस्त्र साथ रखें

✅ कीमती आभूषण या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ साथ न रखें

✅ शुद्ध मन और भक्ति भाव से आएँ

🚫 

10. स्नान के समय क्या करें और क्या न करें (Do’s & Don’ts)

✔️ करें:

  • हर कुएं पर “हर हर महादेव” या “जय श्रीराम” का उच्चारण करें
  • कतार में रहें, किसी को धक्का न दें
  • मंदिर कर्मचारियों और पुजारियों का सम्मान करें
  • पानी की बर्बादी न करें

❌ न करें:

  • कुएं के अंदर पैर न डालें
  • स्नान स्थल पर साबुन या शैम्पू का उपयोग न करें
  • जल को व्यर्थ न गिराएँ
  • कुओं में सिक्के या फूल न डालें
  • फोटोग्राफी या वीडियो न बनाएं (मंदिर परिसर में वर्जित है)

🧘‍♂️ 

11. स्नान का आध्यात्मिक महत्व

इन 22 कुओं का स्नान केवल शरीर की सफाई नहीं, बल्कि आत्मा का शुद्धिकरण है।

कहा जाता है कि प्रत्येक कुएं का जल मनुष्य के एक दोष को दूर करता है।

सभी कुओं का जल मिलकर मन, शरीर और आत्मा को पूर्णता प्रदान करता है।

भक्तों के अनुभव बताते हैं कि इस स्नान के बाद एक अद्भुत शांति, स्फूर्ति और ऊर्जा का अनुभव होता है।

🌊 

12. अग्नि तीर्थम: स्नान की प्रथम सीढ़ी

मंदिर के सामने समुद्र किनारे स्थित “अग्नि तीर्थम” सबसे पवित्र माना गया है।

यहाँ से स्नान प्रारंभ होता है।

पौराणिक कथा के अनुसार, अग्नि देव ने यहाँ भगवान राम के समक्ष अपने पापों से मुक्ति मांगी थी।

इसलिए यहाँ स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

🕰️ 

13. औसत समय और क्रम की जानकारी

संपूर्ण स्नान क्रम पूरा करने में लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है।

यदि भीड़ अधिक हो तो यह 3 घंटे तक भी जा सकता है।

हर कुएं पर जल मंदिर कर्मचारी बाल्टी से डालते हैं, इसलिए धैर्य रखना आवश्यक है।

🌸 

14. स्नान के बाद की पूजा प्रक्रिया

स्नान पूर्ण होने के बाद भक्त मुख्य गर्भगृह में शिवलिंग (रामनाथेश्वर) के दर्शन करते हैं।

कई श्रद्धालु “अभिषेक पूजा” या “रुद्राभिषेक” भी करवाते हैं।

इसके लिए अलग से टिकट (₹200 – ₹500) और समय स्लॉट होता है।

🕊️ 

15. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिकों के अनुसार, इन कुओं का जल अलग-अलग भूमिगत जलस्तरों से आता है, इसलिए स्वाद और तापमान में भिन्नता है।

इनमें कुछ में खनिज तत्व और सूक्ष्म जैविक यौगिक पाए गए हैं जो त्वचा और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।

यह भारत की सबसे पुरानी जल संरचना प्रणाली का उदाहरण भी है।

🌺 

16. श्रद्धालुओं के अनुभव

कई भक्त बताते हैं कि 22 कुओं के स्नान के बाद उन्हें शारीरिक हल्कापन और मानसिक शांति महसूस होती है।

कुछ कहते हैं कि उनके जीवन की कठिनाइयाँ जैसे अचानक हल्की लगने लगती हैं।

यह अनुभव केवल आस्था का नहीं, बल्कि आत्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।

🙏 

17. निष्कर्ष – एक अद्भुत आत्मिक अनुभव

रामेश्वरम के 22 कुएं केवल जल स्रोत नहीं हैं — ये आध्यात्मिक ऊर्जा के द्वार हैं।Rameshwaram holy bath guide. 

यहाँ स्नान करना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन की नकारात्मकता को त्यागने का प्रतीक है।

जो भी भक्त श्रद्धा, विश्वास और भक्ति भाव से इन जलकुंडों में स्नान करता है, उसे आत्मिक शांति, सुख और मोक्ष का अनुभव अवश्य होता है।

🕉️ श्रीरामनाथेश्वराय नमः 🙏

जय श्रीराम! जय महादेव!

 


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!

Book An Appointment

Consult Online

Name(Required)