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“नई जिंदगी की शुरुआत: 70 साल की बुजुर्ग महिला की कहानी”
श्रीमती कमला देवी, 70 साल की उम्र में एक ऐसी मुश्किल से जूझ रही थीं, जिसने न सिर्फ उनकी शारीरिक सेहत को प्रभावित किया, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक स्थिति को भी उलझा दिया था।
पिछले 4 सालों से वह गॉल ब्लेडर स्टोन (गॉल ब्लैडर में पथरी) से परेशान थीं। शुरुआत में दर्द हल्का था, लेकिन धीरे-धीरे यह उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया।
जब तक दर्द सहनीय था, उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन तीन महीने पहले स्थिति बदतर हो गई।
कमला देवी का कहना था, “शुरुआत में दर्द इतना नहीं था, लेकिन अब तो जैसे कुछ भी खाती हूँ, एक बहुत ही तेज दर्द मुझे घेर लेता है।
मुझे लगता है जैसे मेरी सारी ताकत छिन गई हो। कई बार तो उल्टी होने लगती है और पेट में एक गहरी जलन महसूस होती है।”
यह दर्द अब इतनी तीव्रता से बढ़ चुका था कि वह सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो गई थीं।
कमला देवी ने बहुत कोशिश की थी कि वह बिना ऑपरेशन के ही किसी तरह से इस समस्या का हल ढूंढें, लेकिन दर्द और उल्टियों के कारण वह अपने दिन-प्रतिदिन के कार्य भी सही से नहीं कर पा रही थीं।
“मेरे बच्चों और परिवार वाले मुझे बार-बार ऑपरेशन करने की सलाह देते थे, लेकिन मुझे डर था।
मैं सोचती थी, मेरी उम्र अब बहुत ज्यादा हो गई है, ऑपरेशन के बाद शरीर पर क्या असर होगा?” वह बताती हैं।
लेकिन, जैसे-जैसे दर्द बढ़ता गया और उनकी स्थिति बिगड़ती गई, कमला देवी को एहसास हुआ कि यदि अब उन्होंने कुछ नहीं किया तो वह अपनी बाकी की जिंदगी इसी दर्द में काटने के लिए मजबूर हो जाएंगी।
उन्होंने फिर डॉ. अविनाश टैंक से मिलने का फैसला किया, जो अपोलो अस्पताल, अहमदाबाद में एक प्रतिष्ठित गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट थे।
डॉ. अविनाश टैंक से पहली मुलाकात कमला देवी के लिए काफी राहतकारी थी। “डॉक्टर साहब ने मेरी समस्या को बहुत ध्यान से सुना।
उन्होंने मुझे बताया कि मेरी गॉल ब्लैडर में पथरी बहुत बढ़ गई है और अब ऑपरेशन के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
शुरुआत में मैं थोड़ी हिचकिचाई, लेकिन डॉक्टर की बातें सुनकर मुझे विश्वास होने लगा कि यह समस्या केवल ऑपरेशन से ही ठीक हो सकती है।”
कमला देवी ने डॉक्टर के शब्दों को सुना और धीरे-धीरे इस विकल्प को अपनाने के लिए तैयार हो गईं।
डॉ. अविनाश टैंक ने उन्हें ऑपरेशन के बारे में पूरी जानकारी दी, और उन्हें यकीन दिलाया कि इस ऑपरेशन से उनका दर्द हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा और वह फिर से अपनी पुरानी जिंदगी जी सकेंगी।
ऑपरेशन के बाद, उन्होंने कमला देवी को आराम करने और पुनर्वास की प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।
कमला देवी ने आखिरकार ऑपरेशन के लिए हामी भर दी। “यह फैसला मेरे लिए बहुत बड़ा था।
लेकिन, मुझे इस बात का अहसास था कि अगर मुझे अपनी जिंदगी में राहत चाहिए तो मुझे यह कदम उठाना ही होगा।” उन्होंने कहा।
ऑपरेशन के दिन, कमला देवी थोड़ी घबराई हुई थीं, लेकिन डॉक्टर अविनाश टैंक और उनकी टीम ने उन्हें इतना आत्मविश्वास दिया कि उनका डर कम हो गया।
ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया, और उनके गॉल ब्लैडर से पथरी को पूरी तरह से हटा दिया गया।
ऑपरेशन के बाद की रिकवरी के दौरान, कमला देवी ने महसूस किया कि उनका दर्द धीरे-धीरे खत्म हो रहा था।
पहले जो दर्द हर समय उनका पीछा करता था, अब वह पूरी तरह से गायब हो चुका था।
उन्हें पहले जैसे आराम की अनुभूति हुई, और उनका मन भी हल्का हो गया था।
“डॉक्टर साहब, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं बिना दर्द के इतने सालों बाद जी रही हूँ। अब मैं हर दिन को खुश होकर जी सकती हूँ।”
कुछ सप्ताह बाद, जब वह अस्पताल से डिस्चार्ज हो कर घर लौटीं, तो उनका चेहरा एक नई चमक के साथ दमक रहा था।
घरवालों ने देखा कि वह पहले से कहीं ज्यादा खुश और सक्रिय लग रही थीं। “अब मैं हर काम आसानी से कर पाती हूँ। पहले दिन में कई बार मुझे उल्टियां आ जाती थीं, लेकिन अब वह सब खत्म हो गया है।”
कमला देवी अब न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस कर रही थीं, बल्कि मानसिक रूप से भी वह काफी खुश थीं।
उनकी जो एक पुरानी चिंता थी, वह अब खत्म हो गई थी। “अगर मैं ऑपरेशन नहीं करवाती, तो मुझे नहीं पता था कि मेरी जिंदगी कैसी होती।
डॉक्टर अविनाश टैंक ने मेरा जीवन बदल दिया है। मैं अब बिना किसी दर्द के अपनी ज़िंदगी जी रही हूँ।”
कमला देवी का मानना था कि डॉक्टर अविनाश टैंक ने उन्हें न केवल शारीरिक स्वास्थ्य दिया, बल्कि मानसिक शांति भी दी। उनकी सलाह और इलाज ने उन्हें न केवल रोग मुक्त किया, बल्कि उन्हें यह सिखाया कि उम्र के इस पड़ाव पर भी अगर हम सही निर्णय लें, तो हम अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।
निष्कर्ष:
कमला देवी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम अपनी शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, तो हमें डर के बजाय समाधान की ओर ध्यान देना चाहिए। डॉ. अविनाश टैंक जैसे विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर हम अपनी सेहत को सुधार सकते हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। कमला देवी ने अपनी मुश्किलों को पार कर एक नई शुरुआत की, और आज वह बिना दर्द के अपने जीवन का आनंद ले रही हैं।